भोपाल में बकरीद की तैयारियां जोरों पर: शहर काज़ी की अपील - साफ़-सफ़ाई, सौहार्द और संयम से मनाएं त्योहार
भोपाल शहर काज़ी मुफ्ती मुश्ताक अली नदवी ने मुस्लिम समुदाय से एक महत्वपूर्ण अपील की है, जिसमें

भोपाल। देशभर में ईद-उल-अजहा (बकरीद) की तैयारियों ने रफ्तार पकड़ ली है। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में भी बाजारों से लेकर मस्जिदों और घरों तक चहल-पहल साफ देखी जा सकती है। इस साल बकरीद का पर्व आगामी 7, 8 और 9 जून को मनाया जाएगा। त्योहार के नजदीक आते ही भोपाल शहर काज़ी मुफ्ती मुश्ताक अली नदवी ने मुस्लिम समुदाय से एक महत्वपूर्ण अपील की है, जिसमें साफ-सफाई, सामाजिक जिम्मेदारी, और शांति व सौहार्द बनाए रखने की बात पर विशेष ज़ोर दिया गया है।
साफ-सफाई के प्रति जागरूकता जरूरी
शहर काज़ी मुफ्ती मुश्ताक नदवी ने कहा कि कुर्बानी इस्लाम की एक अहम धार्मिक परंपरा है, लेकिन इसके साथ-साथ साफ-सफाई का भी उतना ही महत्व है। उन्होंने कहा कि इस्लाम हमें साफ-सुथरा जीवन जीने की तालीम देता है। कुर्बानी के दौरान और बाद में यदि गंदगी फैलाई जाती है या अवशेषों को सड़क पर फेंका जाता है, तो यह न केवल इस्लामी शिक्षाओं के खिलाफ है बल्कि दूसरों के लिए असुविधा और नाराजगी का कारण भी बनता है।
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उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, "कुर्बानी करना इबादत है, लेकिन इस इबादत से किसी को तकलीफ नहीं होनी चाहिए। हमारी वजह से अगर किसी को परेशानी होती है तो यह इस्लाम के उसूलों के खिलाफ है।"
सोशल मीडिया पर संयम बरतने की सख्त अपील
काजी साहब ने एक अहम मुद्दे की तरफ ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि कुर्बानी की तस्वीरें या वीडियो सोशल मीडिया पर साझा करना उचित नहीं है। उन्होंने इसे "नाजायज और अनुचित" करार देते हुए कहा कि इस प्रकार की गतिविधियां न केवल गैरजरूरी हैं, बल्कि इससे समाज के अन्य समुदायों की भावनाएं भी आहत हो सकती हैं।
"हमारा मजहब किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने की इजाजत नहीं देता," उन्होंने कहा। काजी साहब ने खास तौर पर युवाओं से अपील की कि वे इस पावन अवसर पर सोशल मीडिया का संयमित और जिम्मेदारीपूर्ण इस्तेमाल करें और त्योहार की गरिमा को बनाए रखें।
नगर निगम से मिलकर साफ-सफाई की व्यवस्था
कुर्बानी के बाद जानवरों के अवशेष जैसे खाल, हड्डियां और कचरा सार्वजनिक स्थानों पर फेंकने की समस्या हर साल देखने को मिलती है। इस वर्ष इसे लेकर शहर काज़ी ने पहले ही पहल की है। उन्होंने बताया कि इस विषय में भोपाल नगर निगम के कमिश्नर से बातचीत हो चुकी है और विशेष सफाई व्यवस्था की जा रही है।
मुफ्ती नदवी ने कहा, "नगर निगम की ओर से खास गाड़ियां कुर्बानी वाले दिन तैनात रहेंगी जो इन अवशेषों को उठाएंगी।"
उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे अवशेषों को खुले में न फेंकें, बल्कि मजबूत प्लास्टिक थैली में भरकर नगर निगम की गाड़ी में ही डालें। यदि किसी क्षेत्र में गाड़ी न पहुंचे या समय पर न आए, तो स्थानीय वार्ड के सफाई निरीक्षक (एसआई) से तुरंत संपर्क करें ताकि उचित सफाई हो सके।
उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी को कहीं पर गंदगी दिखे तो खुद भी उसे साफ करने की कोशिश करें, क्योंकि "इस्लाम में गंदगी फैलाना या दूसरों को तकलीफ देना गुनाह है।"
भाईचारे और सौहार्द का पैगाम
शहर काजी ने बकरीद के धार्मिक महत्व पर बात करते हुए कहा कि यह केवल कुर्बानी का पर्व नहीं है, बल्कि त्याग, सेवा, और भाईचारे का प्रतीक भी है। उन्होंने सभी समुदायों से आपसी सम्मान बनाए रखने की अपील की और मुस्लिम समुदाय से विशेष रूप से आग्रह किया कि वे इस पर्व को शांतिपूर्ण और सादगीपूर्ण ढंग से मनाएं।
उन्होंने कहा, "बकरीद हमें सिखाती है कि हम अपनी इच्छाओं की कुर्बानी देकर दूसरों की सेवा करें। यही इस्लाम का असल पैगाम है – अमन, मोहब्बत और इंसानियत।"
काजी साहब ने युवाओं से विशेष अनुरोध किया कि वे अपने व्यवहार से समाज को अच्छा संदेश दें। सोशल मीडिया के इस दौर में हर छोटी बात भी बड़ा असर डाल सकती है, इसलिए हमें सोच-समझकर कदम उठाना चाहिए।
प्रशासन और समुदाय के बीच समन्वय
शहर प्रशासन भी बकरीद को शांतिपूर्ण और व्यवस्थित ढंग से संपन्न कराने के लिए तैयारियों में जुटा हुआ है। भोपाल नगर निगम ने साफ-सफाई के लिए विशेष टीमें बनाई हैं जो त्योहार के तीनों दिनों में सुबह से रात तक सफाई कार्य में लगी रहेंगी। इसके अलावा पुलिस प्रशासन की ओर से भी सुरक्षा और ट्रैफिक नियंत्रण के लिए व्यापक इंतजाम किए जा रहे हैं।
शहर के विभिन्न इलाकों में कूड़ेदान, डिस्पोजल पॉइंट्स और वॉच ड्यूटी भी लगाई जा रही है ताकि अव्यवस्था न फैले। शहर काजी ने प्रशासन की इन कोशिशों की सराहना करते हुए नागरिकों से अपील की कि वे इन प्रयासों में पूरा सहयोग करें।
बकरीद सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि एक समाजिक, धार्मिक और नैतिक जिम्मेदारी का अवसर है। भोपाल शहर काजी की यह अपील केवल एक धार्मिक नेतृत्वकर्ता की नहीं, बल्कि एक जिम्मेदार नागरिक की भी है। उन्होंने साफ तौर पर यह संदेश दिया कि यदि हम सब मिलकर थोड़ी समझदारी, सहिष्णुता और सफाई का ख्याल रखें तो यह पर्व सभी के लिए खुशी और सुकून का कारण बन सकता है।
इस साल बकरीद पर हम सब मिलकर यह प्रण लें कि हम न केवल धर्म का पालन करें, बल्कि अपने कर्मों से समाज में एक सकारात्मक उदाहरण भी प्रस्तुत करें। शांति, सौहार्द और स्वच्छता के साथ त्योहार को मनाना ही इस्लाम की सच्ची तालीम है।