मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किया बाबा काशी विश्वनाथ और काल भैरव मंदिर में दर्शन, प्रदेशवासियों की समृद्धि के लिए मांगी प्रार्थना
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को अपने उत्तर प्रदेश प्रवास के दौरान वाराणसी पहुंचकर बाबा श्री काशी विश्वनाथ और श्री काल भैरव मंदिर में दर्शन कर विधिवत पूजा-अर्चना की।

वाराणसी : मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को अपने उत्तर प्रदेश प्रवास के दौरान वाराणसी पहुंचकर बाबा श्री काशी विश्वनाथ और श्री काल भैरव मंदिर में दर्शन कर विधिवत पूजा-अर्चना की। उन्होंने इस अवसर पर मध्यप्रदेश सहित संपूर्ण देशवासियों के सुख, शांति, स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना की। मुख्यमंत्री की यह धार्मिक यात्रा आध्यात्मिक भावनाओं से ओत-प्रोत रही और उन्होंने इसे एक अविस्मरणीय अनुभव बताया।
आध्यात्मिक चेतना का प्रतीक है विश्वनाथ मंदिर - डाॅ. मोहन यादव
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सबसे पहले वाराणसी स्थित विश्व प्रसिद्ध श्री काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचे। बाबा भोलेनाथ के दरबार में उन्होंने पारंपरिक विधि-विधान से पूजन किया और गर्भगृह में जाकर भगवान शिव का रुद्राभिषेक भी किया। मुख्यमंत्री ने मंदिर के दर्शन के बाद कहा कि काशी की धरती सनातन संस्कृति और आध्यात्मिक चेतना का प्रतीक है। उन्होंने कहा, "यहाँ आकर आत्मिक शांति मिलती है। बाबा विश्वनाथ की कृपा से प्रदेश उन्नति की ओर निरंतर अग्रसर होगा।"
डॉ. यादव ने मंदिर परिसर में चल रहे विकास और व्यवस्थाओं का अवलोकन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कराए गए पुनर्निर्माण कार्यों की सराहना की। उन्होंने श्रद्धालुओं के लिए उपलब्ध कराई गई सुविधाओं, स्वच्छता व्यवस्था और दर्शन प्रणाली की प्रशंसा करते हुए इसे एक आदर्श मॉडल बताया।
काशी के कोतवाल के किए सीएम ने दर्शन
इसके पश्चात मुख्यमंत्री श्री काल भैरव मंदिर पहुंचे, जिन्हें काशी का कोतवाल कहा जाता है। यहां भी उन्होंने श्रद्धा और भावपूर्ण भक्ति के साथ पूजा-अर्चना की। उन्होंने काल भैरव को नमन करते हुए कहा कि उनकी कृपा से काशी की सुरक्षा होती है और पूरे क्षेत्र में संतुलन और शांति बनी रहती है। मुख्यमंत्री ने विधिवत पूजन कर प्रदेशवासियों की सुख-शांति, सुरक्षा और समृद्धि की प्रार्थना की।
दर्शन के दौरान मंदिर समिति और पुजारियों ने मुख्यमंत्री का पारंपरिक तरीके से स्वागत किया। उन्हें मंदिर की ओर से स्मृति-चिह्न और प्रसाद भी भेंट किया गया। मंदिर परिसर में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे, और स्थानीय प्रशासन ने व्यवस्था को सुचारु रूप से संभाल रखा था। डॉ. यादव के साथ उनके प्रमुख सचिव, सुरक्षा अधिकारी एवं अन्य प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री ने मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि वाराणसी न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक रूप से भी भारत की आत्मा का प्रतिनिधित्व करती है। उन्होंने कहा, "काशी आकर हर बार एक नई ऊर्जा मिलती है। यहाँ की गंगा-जमुनी तहज़ीब और धार्मिक समरसता देश के लिए प्रेरणादायक है।"
डॉ. यादव ने आगे कहा कि उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश न सिर्फ भौगोलिक रूप से, बल्कि सांस्कृतिक, धार्मिक और भावनात्मक रूप से भी एक-दूसरे से गहराई से जुड़े हैं। काशी यात्रा ने इन संबंधों को और प्रगाढ़ किया है।
मुख्यमंत्री की यह यात्रा केवल धार्मिक श्रद्धा तक सीमित नहीं रही, बल्कि इससे यह संदेश भी गया कि मध्यप्रदेश सरकार देश की आध्यात्मिक धरोहरों से जुड़कर जनमानस के भावनात्मक पक्ष को भी महत्व देती है। डॉ. यादव ने अंत में कहा कि बाबा विश्वनाथ और काल भैरव की कृपा से प्रदेशवासियों का जीवन मंगलमय और समृद्धिशाली बने — यही उनकी कामना है।