मानसून से पहले अलर्ट पर किरंदुल: कलेक्टर कुणाल दुदावत ने किया बाढ़ संभावित इलाकों का निरीक्षण, दिए सख्त निर्देश
दंतेवाड़ा ज़िले में मानसून दस्तक देने को तैयार है और इसके साथ ही प्रशासन ने बाढ़ जैसी संभावित आपदाओं से निपटने की कमर कस ली है।

दंतेवाड़ा ज़िले में मानसून दस्तक देने को तैयार है और इसके साथ ही प्रशासन ने बाढ़ जैसी संभावित आपदाओं से निपटने की कमर कस ली है। इसी कड़ी में कलेक्टर कुणाल दुदावत ने रविवार को किरंदुल नगर क्षेत्र का दौरा कर बाढ़ संभावित इलाकों का गहन निरीक्षण किया।
कलेक्टर ने की समीक्षा
कलेक्टर ने नगर के भीतर चल रहे नालियों, बंड और जल निकासी व्यवस्थाओं के निर्माण कार्य की समीक्षा की। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि मानसून से पहले सभी अधूरे कार्य हर हाल में पूरे किए जाएं, ताकि किसी भी तरह की जलभराव या आपदा की स्थिति से बचा जा सके।
वीडियो देखे -
अधिकारियों को दिये निर्देश
निरीक्षण के दौरान उन्होंने देखा कि कुछ स्थानों पर नालियों की सफाई अधूरी है और जल प्रवाह बाधित हो सकता है। ऐसे में उन्होंने नगरपालिका, PWD और जल संसाधन विभाग को समन्वय के साथ काम करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि "यह समय लापरवाही का नहीं है। हर विभाग को पहले से तैयारी रखनी होगी ताकि किसी भी आपात स्थिति में हम तुरंत एक्शन ले सकें।"
कलेक्टर दुदावत ने बताया कि नगर क्षेत्र की चोक हो चुकी नालियों की सफाई तेज़ी से की जा रही है। इस प्रक्रिया को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जा रहा है ताकि भारी बारिश की स्थिति में जलभराव न हो और लोगों की रोजमर्रा की ज़िंदगी प्रभावित न हो।
उन्होंने जानकारी दी कि डैम की मजबूती के लिए जिला प्रशासन और एनएमडीसी (NMDC) संयुक्त रूप से काम कर रहे हैं। डैम की स्थिति की लगातार निगरानी की जा रही है। इसके अलावा जल प्रवाह को सुचारू रखने के लिए बंड निर्माण और डायवर्जन सिस्टम पर भी तेजी से काम चल रहा है।
कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि आपदा प्रबंधन से जुड़े सभी संसाधन जैसे – नाव, सर्च लाइट, रेस्क्यू टीम, जनरेटर, पानी निकासी पंप और राहत सामग्री – पहले से तैयार रखे जाएं। उन्होंने कहा कि किसी भी आपदा की स्थिति में समय पर प्रतिक्रिया ही जान और माल की रक्षा कर सकती है।
निरीक्षण के दौरान स्थानीय लोगों से बातचीत में सामने आया कि पिछले वर्षों में हुई बाढ़ जैसी स्थिति ने जनता को काफी डराया था। लोग अब आशंकित हैं कि कहीं फिर से ऐसी त्रासदी न दोहराई जाए। लेकिन प्रशासन की इस बार की सक्रियता से नागरिकों में भरोसे और राहत की भावना नज़र आई।
स्थानीय निवासियों ने बताई समस्या
स्थानीय निवासी श्रीमती मंजू ठाकुर ने कहा, “पिछली बार हम सब बहुत परेशान हुए थे। लेकिन इस बार कलेक्टर साहब खुद आए हैं, देख रहे हैं। तो लगता है कि इस बार तैयारी पहले से अच्छी है।”
किरंदुल के एक दुकानदार राजू साहू ने कहा, “बाढ़ आने से व्यापार ठप हो जाता है, लेकिन अगर नालियों की सफाई और बंड का निर्माण सही समय पर हो गया तो बहुत हद तक नुकसान से बचा जा सकता है।”
कलेक्टर दुदावत ने अधिकारियों से समन्वित प्रयास करने का आह्वान करते हुए कहा कि नगर वासियों की सुरक्षा सबसे पहली प्राथमिकता है। उन्होंने कहा, “प्रशासन हर स्तर पर अलर्ट है। हम कोई भी काम अधूरा नहीं छोड़ेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि किरंदुल सुरक्षित रहे।”
प्रशासन की यह सक्रियता आने वाले मानसून को लेकर न सिर्फ एक सतर्क संकेत है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि अब जिला प्रशासन रियेक्टिव नहीं बल्कि प्रोएक्टिव अप्रोच को अपनाते हुए काम कर रहा है।