रतलाम नगर निगम परिसर में दो रिटायर्ड कर्मचारियों के बीच मारपीट, वीडियो वायरल, हंसी-मजाक से बढ़ा विवाद
रतलाम नगर निगम परिसर में गुरुवार को एक अजीबोगरीब और शर्मनाक घटना सामने आई, जब दो रिटायर्ड कर्मचारी – एक पुरुष और एक महिला – आपस में उलझ पड़े।

राजेश पुरोहित
रतलाम नगर निगम परिसर में गुरुवार को एक अजीबोगरीब और शर्मनाक घटना सामने आई, जब दो रिटायर्ड कर्मचारी – एक पुरुष और एक महिला – आपस में उलझ पड़े। दोनों ने एक-दूसरे पर न सिर्फ आरोप लगाए बल्कि हाथापाई भी कर डाली। यह पूरा घटनाक्रम नगर निगम के मुख्य द्वार से भीतर परिसर में दोपहर करीब 3:30 से 4 बजे के बीच हुआ। मामले का वीडियो गुरुवार रात सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिसके बाद पूरे शहर में चर्चा शुरू हो गई।
विवाद की जड़ में पुरानी अनबन
स्थानीय लोगों और प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, रिटायर्ड कर्मचारी दिनेश सोलंकी और महिला कर्मचारी फूलकुंवर के बीच पिछले तीन-चार दिनों से किसी बात को लेकर कहासुनी चल रही थी। बताया गया कि दिनेश सोलंकी ने पहले कुछ ऐसी टिप्पणी की थी जिससे महिला नाराज़ हो गई थीं। दो दिनों से वे सोलंकी के नगर निगम आने का इंतजार कर रही थीं। जैसे ही गुरुवार को दिनेश सोलंकी परिसर पहुंचे, महिला ने उन्हें रोक लिया और बहस शुरू हो गई।
मारपीट और लट्ठ तक पहुंचा मामला
देखते ही देखते मामूली कहासुनी ने बड़ा रूप ले लिया और बात गाली-गलौज से होते हुए हाथापाई तक जा पहुंची। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि महिला कर्मचारी ने पहले सोलंकी को थप्पड़ मारा, जिसके जवाब में सोलंकी ने भी महिला पर हाथ उठा दिया। विवाद इस कदर बढ़ गया कि महिला ने गुस्से में आकर लट्ठ तक उठा लिया।
हालांकि वहां मौजूद अन्य निगम कर्मचारियों ने बीच-बचाव करते हुए दोनों को अलग किया और स्थिति को नियंत्रित किया। दोनों कर्मचारियों को समझाने की कोशिश की गई, लेकिन माहौल तनावपूर्ण बना रहा।
"हंसी-मजाक में कहा था" – दिनेश सोलंकी
घटनास्थल पर मौजूद लोगों द्वारा बनाए गए वीडियो में दिनेश सोलंकी यह कहते दिख रहे हैं कि उन्होंने जो भी कहा था, वह सिर्फ "हंसी-मजाक" में कहा था और उनका किसी को आहत करने का इरादा नहीं था। हालांकि उन्होंने क्या कहा, यह वीडियो में स्पष्ट नहीं है।
गौरतलब है कि दोनों ही कर्मचारी नगर निगम में लंबे समय तक सेवाएं दे चुके हैं और कर्मचारी नेताओं के रूप में भी सक्रिय रहे हैं। रिटायरमेंट के बाद भी नगर निगम में उनका आना-जाना लोगों के कामों को लेकर बना रहता है।
थाने पहुंचे दोनों, हुआ आपसी समझौता
घटना के बाद दोनों कर्मचारी स्टेशन रोड थाने पहुंचे। उनके पीछे-पीछे कुछ अन्य नगर निगम कर्मचारी भी थाने पहुंचे और मामले को शांत करवाने का प्रयास किया। पुलिस ने दोनों पक्षों को समझाया और आपसी सहमति से मामला रफा-दफा कर दिया गया। किसी भी पक्ष ने औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई है, जिससे पुलिस कार्रवाई नहीं की गई।
इस घटना ने नगर निगम जैसे संवेदनशील संस्थान की गरिमा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह घटना न सिर्फ अनुशासनहीनता को दर्शाती है, बल्कि यह भी संकेत देती है कि रिटायरमेंट के बाद भी कुछ कर्मचारी सार्वजनिक जगहों पर मर्यादा नहीं रख पा रहे हैं। उम्मीद की जानी चाहिए कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों और जिम्मेदार अधिकारी आवश्यक निर्देश जारी करें।