नीलावाया पंचायत में बड़ा भ्रष्टाचार खुलासा: सरपंच और सचिव गिरफ्तार, ₹18 लाख से अधिक की हेराफेरी का आरोप
सरपंच रमेश कोर्राम और सचिव अनोज कुमार मण्डावी को लाखों रुपये के गबन के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है।

आज़ाद सक्सेना
दंतेवाड़ा : जिले के ग्राम पंचायत नीलावाया में भ्रष्टाचार का एक गंभीर मामला सामने आया है। वर्ष 2022-23 से 2024-25 के बीच ग्राम पंचायत में मूलभूत सुविधाओं और निर्माण कार्यों में भारी अनियमितताएं सामने आई हैं। मामले की जांच के बाद तत्कालीन सरपंच रमेश कोर्राम और सचिव अनोज कुमार मण्डावी को लाखों रुपये के गबन के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है।
तीन सदस्यीय जांच समिति का खुलासा
जिला पंचायत दंतेवाड़ा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा गठित तीन सदस्यीय जांच समिति ने खुलासा किया है कि दोनों अधिकारियों ने जिला खनिज न्यास निधि (DMF) खाते से ₹18,42,689.00 (अठारह लाख बयालीस हजार छह सौ नवासी रुपये) की हेराफेरी की है। जांच में पाया गया कि पंचायत के नाम पर निर्माण कार्यों की आड़ में राशि निकालकर निजी हित में इस्तेमाल की गई।
कई धाराओं में एफआईआर दर्ज
इस मामले में थाना अरनपुर में गंभीर धाराओं के तहत अपराध क्रमांक 08/2025 दर्ज किया गया है। भारतीय न्यायिक प्रक्रिया संहिता (BNS 2023) की धाराएं 316(2)(4)(5), 318(4), 61(2) और 3(5) के अंतर्गत मामला पंजीबद्ध किया गया। इन धाराओं के तहत भ्रष्टाचार, सरकारी धन की हेराफेरी और पद के दुरुपयोग से संबंधित गंभीर आरोप शामिल हैं।
एसपी के मार्गदर्शन में थी जांच टीम
पुलिस अधीक्षक गौरव राय के मार्गदर्शन में जांच टीम ने कार्रवाई को अंजाम दिया। इसके तहत, 23 जून 2025 को तत्कालीन सचिव अनोज कुमार मण्डावी (पिता स्व. भीमाराम मण्डावी, उम्र 27 वर्ष, निवासी ग्राम गोंगपाल स्कूलपारा, थाना कुआकोंडा) को गिरफ्तार किया गया। इसके अगले दिन, 24 जून 2025 को तत्कालीन सरपंच रमेश कोर्राम (पिता स्व. मुका कोर्राम, उम्र 50 वर्ष, निवासी ग्राम नीलावाया पटेलपारा, थाना अरनपुर) को भी हिरासत में लिया गया।
दोनों को न्यायिक रिमांड
गिरफ्तारी के बाद दोनों को न्यायिक रिमांड पर माननीय न्यायालय में पेश किया गया, जहां आगे की कार्रवाई जारी है। प्रशासन ने संकेत दिए हैं कि इस मामले में अन्य लोगों की संलिप्तता की भी जांच की जा रही है और जल्द ही और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
यह मामला ग्रामीण क्षेत्रों में पारदर्शिता और जवाबदेही के महत्व को उजागर करता है। लाखों की सरकारी धनराशि के गबन ने शासन-प्रशासन को सख्त कदम उठाने को विवश कर दिया है। नीलावाया पंचायत में हुई इस अनियमितता ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि जमीनी स्तर पर निगरानी और ईमानदार व्यवस्था कितना जरूरी है।
जांच अभी जारी है और प्रशासन ने ग्रामीणों से भी अपील की है कि वे किसी भी प्रकार की अनियमितता की जानकारी तुरंत अधिकारियों को दें, ताकि भ्रष्टाचार पर सख्ती से रोक लगाई जा सके।