विदिशा में बिजली विभाग के अफसर की दबंगई! शराब के नशे में होटल में हंगामा, बिजली कटवा दी
बिजली विभाग के कार्यपालन यंत्री (Executive Engineer) अंकुर सेठ पर आरोप है कि उन्होंने शराब के नशे में

सुरेन्द्र राजपूत
मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जिसने न केवल प्रशासनिक व्यवस्था की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि सत्ता और पद के दुरुपयोग की एक चिंताजनक तस्वीर भी पेश की है। बिजली विभाग के कार्यपालन यंत्री (Executive Engineer) अंकुर सेठ पर आरोप है कि उन्होंने शराब के नशे में एक निजी होटल में जमकर हंगामा किया, स्टाफ से अभद्रता की और पद का दुरुपयोग करते हुए होटल की बिजली कटवा दी।
होटल स्टॉफ ने लगाये आरोप
घटना गुरुवार रात की बताई जा रही है। होटल संचालक विनीत दांगी ने बताया कि रात करीब 10 बजे अंकुर सेठ टैक्सी कोटे की सरकारी स्कॉर्पियो में सवार होकर होटल पहुंचे। शुरुआत में उन्होंने खाना ऑर्डर किया, लेकिन कुछ ही देर में उनका व्यवहार बिगड़ गया। होटल स्टाफ के अनुसार, अधिकारी शराब के नशे में थे और मामूली बातों पर स्टाफ से बहस करने लगे। जब स्टाफ ने किचन बंद होने की जानकारी दी, तो अधिकारी आगबबूला हो गए और गाली-गलौज शुरू कर दी।
विवाद बड़ा और धमकी दी
विवाद इतना बढ़ गया कि उन्होंने सीधे तौर पर स्टाफ को धमकी दी – “खाना नहीं दोगे तो लाइट काट दूंगा।” और कुछ ही मिनटों बाद होटल की बिजली काट दी गई। होटल संचालक का दावा है कि यह सब योजनाबद्ध तरीके से किया गया, जिसमें अफसर ने अपने पद और विभागीय संसाधनों का गलत इस्तेमाल किया।
CCTV और वायरल वीडियो ने खोला राज
पूरी घटना होटल में लगे CCTV कैमरों में रिकॉर्ड हो गई है। इसके अलावा, सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें कथित तौर पर अंकुर सेठ सरकारी गाड़ी में बैठकर शराब पीते नज़र आ रहे हैं। उनके साथ कुछ अन्य लोग भी मौजूद हैं और टेबल पर शराब की बोतलें साफ दिखाई दे रही हैं।
इस वायरल वीडियो और CCTV फुटेज के आधार पर होटल संचालक ने जिला कलेक्टर को एक लिखित शिकायत सौंपी है। संचालक विनीत दांगी का कहना है कि अफसर ने पद और सरकारी संसाधनों का खुलकर दुरुपयोग किया, जिससे होटल को भारी नुकसान हुआ है।
प्रशासन कर रहा है जांच, लेकिन उठ रहे हैं सवाल
घटना की जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन हरकत में आया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और संबंधित वीडियो व फुटेज को खंगाला जा रहा है। हालांकि अभी तक आरोपी अधिकारी पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है, जिससे आम जनता में रोष है।
यह मामला केवल एक होटल में हंगामे तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे सिस्टम की कार्यप्रणाली, जवाबदेही और नैतिकता पर सवाल खड़ा करता है। सरकारी पद पर बैठे अधिकारी अगर इस तरह की हरकतें करें और फिर भी बेखौफ रहें, तो आम जनता का सिस्टम से भरोसा डगमगाना लाज़मी है।
अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस घटना पर निष्पक्ष कार्रवाई करता है या फिर यह मामला भी बाकी मामलों की तरह फाइलों में दबा रह जाएगा। जनता को जवाब चाहिए, और दोषियों को सज़ा।