डिंडोरी में सतगुरु कबीर नवोदय यात्रा का भव्य शुभारंभ, "कबीर मय भारत" का लिया गया संकल्प
मध्यप्रदेश के डिंडौरी जिले में 3 जून को संत शिरोमणि सतगुरु कबीर साहेब जी की स्मृति में आयोजित सतगुरु कबीर नवोदय यात्रा का भव्य शुभारंभ हुआ। यह यात्रा केडीवी मिशन (सतगुरु कबीर वंशावली मिशन) के अंतर्गत पंथ श्री हजूर मुनि उदित मुनिनाम साहेब जी के नेतृत्व में प्रारंभ हुई।

वंदना मानिकपुरी
मध्यप्रदेश के डिंडौरी जिले में 3 जून को संत शिरोमणि सतगुरु कबीर साहेब जी की स्मृति में आयोजित सतगुरु कबीर नवोदय यात्रा का भव्य शुभारंभ हुआ। यह यात्रा केडीवी मिशन (सतगुरु कबीर वंशावली मिशन) के अंतर्गत पंथ श्री हजूर मुनि उदित मुनिनाम साहेब जी के नेतृत्व में प्रारंभ हुई। यात्रा की शुरुआत डिंडौरी के कबीर चबूतरा से की गई, जहाँ हजारों कबीर पंथियों ने पंथ गुरु का सच्चे भाव और भव्य स्वागत के साथ वंदन किया।
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देशभर में फैली है यात्रा की ज्योति
इस आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत राजस्थान से हुई थी, जो महाराष्ट्र, गुजरात से होते हुए अब मध्यप्रदेश के डिंडौरी जिले में पहुंची है। यात्रा का उद्देश्य कबीर साहेब के विचारों, शिक्षाओं और भक्ति मार्ग को जन-जन तक पहुँचाना है, ताकि सामाजिक समरसता, जातिवाद का खात्मा और आत्मबोध का संदेश दूर-दराज़ के गांवों तक पहुंच सके।
केडीवी मिशन के जिला प्रतिनिधि जागेश्वर दास टाडिया और हंसा दास ग्वाले ने जानकारी दी कि यह यात्रा न केवल धार्मिक संगठनों बल्कि समाज के हर वर्ग को जोड़ने का एक सशक्त प्रयास है। इस मिशन की मूल भावना "जीव दया, आत्म पूजा और कबीर साहेब के पथ पर चलना" है।
कबीर चबूतरा से आश्रम तक श्रद्धा की यात्रा
यात्रा की शुरुआत कबीर चबूतरा से हुई, जो जिले के लिए एक पवित्र स्थल माना जाता है। यहां से यात्रा जिले के विभिन्न तहसीलों से होती हुई मां नर्मदा के तट स्थित कबीर आश्रम पहुंची। आश्रम में जिलेभर से आए कबीर पंथियों ने गुरु का आत्मीय स्वागत किया। यात्रा में शामिल भक्तों की श्रद्धा देखते ही बनती थी, जिनके मन में एक ही उद्देश्य था—“कबीर मय समाज का निर्माण।”
पंथ गुरु का प्रवचन – “युवा बनें कबीर के सिपाही”
आश्रम में आरती और कबीर भजन के बाद शोभायात्रा निकाली गई, जो नगर के प्रमुख मार्गों से होती हुई अमरकंटक रोड स्थित सतगुरु कबीर आश्रम पहुंची। यहां विशाल पंडाल में भोजन भंडारा, गुरु पूजा, कबीर पाठ और भजनों का आयोजन किया गया।
पंथ गुरु श्री हुजूर उदित मुनिनाम साहेब ने अपने प्रवचन में संत शिरोमणि कबीर साहेब की महिमा का बखान करते हुए कहा,
“कबीर साहेब अपने साखी, सबद और दोहों के माध्यम से समाज को जात-पात, ऊँच-नीच और रूढ़िवाद से ऊपर उठने की प्रेरणा देते हैं। वह न केवल भक्तों के लिए मार्गदर्शक हैं, बल्कि समस्त मानवता के लिए प्रकाश स्तंभ हैं।”
गुरुजी ने युवाओं से विशेष रूप से कहा कि—
“युवा ही कबीर के सच्चे सिपाही हैं। अपने जीवन में कबीर साहेब की शिक्षाओं को आत्मसात कर, समाज के अंधकार को मिटाकर रौशनी फैलाएं।”
संत समाज और राष्ट्रीय टीम की उपस्थिति
इस आयोजन में दामाखेड़ा से आए केडीवी मिशन के महा सचिव, राष्ट्रीय अध्यक्ष, संत गण एवं जिले भर के कबीरपंथी समाज के प्रतिनिधियों की उपस्थिति रही। यह आयोजन न केवल आध्यात्मिक उत्सव था, बल्कि एक सामाजिक क्रांति का भी प्रतीक था, जो समाज में एकता, समता और प्रेम का संदेश दे रहा है।
कबीर वचनों से प्रेरित महापुरुषों का अनुभव
पंथ गुरु ने बताया कि जब वे विभिन्न मंडलेश्वर, आचार्य और कथा वाचकों से मिले, तो उन्होंने बताया कि—
“हमारी कथा और पूजा की शुरुआत कबीर साहेब के दोहों से होती है।”
यह इस बात का प्रमाण है कि कबीर साहेब का प्रभाव न केवल कबीरपंथ तक सीमित है, बल्कि वह सभी धार्मिक संतों, विचारकों और कर्मियों के लिए प्रेरणास्रोत हैं।
पंथ गुरु ने कहा—
“हमें लोभ, मोह, क्रोध जैसे काल तत्वों को अपने जीवन से हटाकर कबीर साहेब की वाणी से अपने जीवन को प्रकाशित करना है। जब तक समाज में जीव दया, आत्म पूजा और समता का भाव नहीं होगा, तब तक मानवता अधूरी रहेगी।”
केडीवी मिशन का उद्देश्य – ‘हर घर कबीरमय’
पंथ गुरु ने स्पष्ट रूप से कहा कि—
“हमारा उद्देश्य केवल यात्रा करना नहीं, बल्कि भारत को कबीरमय बनाना है। हर घर में कबीर के विचार, उनके दोहे, उनकी शिक्षाएं जीवित रहें, यही इस नवोदय यात्रा का उद्देश्य है।”
उन्होंने यह भी कहा कि
“हमारे बच्चों को कबीर साहेब की शिक्षा देकर उन्हें बचपन से ही सजग बनाएं। जब आने वाली पीढ़ी कबीर के विचारों से ओतप्रोत होगी, तब भारत सच्चे अर्थों में धार्मिक और सामाजिक रूप से समरस होगा।”
जात-पात से ऊपर उठने का संदेश
अपने प्रवचन में गुरुजी ने जात-पात और भेदभाव के विरोध में आवाज़ उठाते हुए कहा कि—
“हमें एक भाव से रहना होगा। जाति, धर्म, भाषा का भेदभाव छोड़कर केवल इंसानियत को प्राथमिकता देनी होगी। यही कबीर साहेब का मार्ग है, और यही केडीवी मिशन की आत्मा है।”
उन्होंने सभी से अपील की कि वे इस मिशन में सहभागी बनें, अपनी सेवाएं दें और समाज को जागरूक करें।
उपसंहार: कबीर के मार्ग से ही आएगा आत्मजागरण
इस नवोदय यात्रा के माध्यम से कबीर साहेब के विचारों की लौ एक बार फिर जन-जन तक पहुँचाई जा रही है। यह यात्रा न केवल धार्मिक आस्था का उत्सव है, बल्कि समाज को जोड़ने, अंधविश्वासों को तोड़ने और सत्य के मार्ग पर चलने की एक मजबूत पहल है।
जैसे कबीर साहेब ने कहा—
“पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुआ, पंडित भया न कोय।
ढाई आखर प्रेम का, पढ़े सो पंडित होय।”
यह यात्रा प्रेम, सत्य, दया और आत्मा की खोज की यात्रा है।
सच में, सतगुरु कबीर नवोदय यात्रा आज के समय में सामाजिक और आध्यात्मिक पुनर्जागरण का प्रतीक बनकर उभरी है। यह यात्रा आगे भी अन्य राज्यों और जिलों में भ्रमण कर, कबीर साहेब के ज्ञान को जनमानस तक पहुंचाने का कार्य करती रहेगी।