भारत में फिर बढ़े कोरोना के मामले: JN.1 वैरिएंट प्रमुख, सतर्कता जरूरी

देश में एक बार फिर कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, इस समय भारत में कुल 1045 एक्टिव केस हैं। पिछले सात दिनों के भीतर 787 नए मामले सामने आए हैं, वहीं इसी अवधि में 10 लोगों की मौत हो चुकी है। यह स्थिति चिंता का विषय जरूर बन सकती है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है और घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सतर्क रहना आवश्यक है।
सबसे ज़्यादा प्रभावित राज्य
कोरोना के एक्टिव केसों की संख्या के लिहाज़ से सबसे ज़्यादा प्रभावित राज्य केरल और महाराष्ट्र हैं। केरल में फिलहाल 430 एक्टिव केस हैं, जबकि महाराष्ट्र में 210 केस रिपोर्ट किए गए हैं। इनके बाद दिल्ली में 104, गुजरात में 83 और कर्नाटक में 80 एक्टिव केस हैं। कर्नाटक के 80 में से 73 मामले अकेले बेंगलुरु से हैं।
मौत के मामले भी सामने आए
हाल के दिनों में कोरोना के कारण 10 मौतें हुई हैं। इनमें से सबसे ज्यादा 5 मौतें महाराष्ट्र में दर्ज की गई हैं, जिनमें ठाणे में एक महिला की मौत शामिल है। राजस्थान के जयपुर में 2 मौतें हुई हैं, जबकि बेंगलुरु (कर्नाटक) में 84 वर्षीय बुजुर्ग की जान गई है। इसके अलावा केरल में 2 और पश्चिम बंगाल में 1 मौत की पुष्टि हुई है।
भारत में कोरोना के 4 नए वैरिएंट
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के अनुसार देश में अब तक कोरोना के चार नए वैरिएंट की पहचान की गई है—7, XFG, 1, और 1.8.1। इनमें से JN.1 वैरिएंट सबसे आम पाया गया है। यह ओमिक्रॉन के BA.2.86 स्ट्रेन का हिस्सा है और देश में आधे से अधिक संक्रमितों में यही वैरिएंट पाया गया है।
JN.1 वैरिएंट की विशेषताएं
JN.1 वैरिएंट में 30 से अधिक म्यूटेशन हैं, जिससे यह तेजी से फैलता है और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित कर सकता है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि यह वैरिएंट गंभीर बीमारी नहीं पैदा करता। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी इसे ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ की श्रेणी में रखा है, जिसका मतलब है कि इससे अभी ज्यादा खतरे की आशंका नहीं है, लेकिन सतर्कता जरूरी है।
क्या करें, क्या न करें
सरकार और विशेषज्ञों की सलाह है कि लोग फिर से कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें।
· सार्वजनिक और भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनना जरूरी है।
· नियमित रूप से हाथ धोना और सैनिटाइज़र का प्रयोग करना चाहिए।
· हल्का बुखार, गले में खराश या सांस लेने में दिक्कत होने पर तुरंत कोरोना जांच करानी चाहिए।
· बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों को विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए।